छत्तीसगढ़ सरकार ने मंत्रालय में अनुशासन बनाए रखने के उद्देश्य से एक बड़ा निर्णय लिया है। अब राज्य में किसी भी विभाग के अधिकारी या कर्मचारी को मंत्री या वरिष्ठ अधिकारियों से मिलने के लिए पहले से अपॉइंटमेंट लेना अनिवार्य कर दिया गया है। सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए सख्त आदेश जारी किया है।
व्यक्तिगत समस्याओं के लिए मंत्रालय आना मना
आदेश में स्पष्ट किया गया है कि हाल के दिनों में यह देखने में आया है कि कई कर्मचारी अपनी व्यक्तिगत समस्याओं को लेकर सीधे मंत्रालय पहुंच जाते हैं, जबकि उनके मुद्दों का समाधान जिला कार्यालय या विभागाध्यक्ष स्तर पर ही संभव होता है। मंत्रालय में बार-बार व्यक्तिगत मामलों को लेकर आने से कार्य संस्कृति और अनुशासन दोनों प्रभावित हो रहे हैं।
अनुशासन पर असर, कामकाज पर भी पड़ रहा प्रभाव
सामान्य प्रशासन विभाग का कहना है कि बिना अनुमति बार-बार मंत्रालय पहुंचना न केवल कर्मचारियों के अनुशासन को प्रभावित करता है, बल्कि इससे उनके कार्य प्रदर्शन पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इस व्यवस्था को सख्ती से लागू किया जाएगा।
उचित प्रक्रिया से ही मिल सकेंगे मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी
आदेश के अनुसार, यदि किसी कर्मचारी को विभागीय मंत्री या वरिष्ठ अधिकारी से मुलाकात करनी है, तो उसे विभागीय चैनल के माध्यम से लिखित आवेदन देना होगा। अनुमति मिलने पर ही निर्धारित समय पर मुलाकात की जा सकेगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रक्रिया का हर स्तर पारदर्शी और व्यवस्थित हो।
आदेश का उल्लंघन करने पर होगी सजा
अगर कोई अधिकारी या कर्मचारी इस नियम का उल्लंघन करता है और बिना अनुमति के मंत्रालय पहुंचता है, तो उसके खिलाफ छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 की धारा 21 के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसे कदाचरण माना जाएगा और संबंधित कर्मचारी पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
सरकार का उद्देश्य: व्यवस्था में अनुशासन और कार्यक्षमता
इस आदेश का उद्देश्य मंत्रालय में अनुशासन को बनाए रखना और कर्मचारियों की कार्यक्षमता को सुनिश्चित करना है। साथ ही यह व्यवस्था मंत्रालय को अनावश्यक दबाव और अव्यवस्था से बचाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है।